Tricolour our National Flag [Hindi] - तिरंगा हमारा राष्ट्रीय ध्वज - Short Stories of India
भारतीय होने के नाते जब कभी हमारे राष्ट्रीय झंडे मतलब तिरंगे का जिक्र होता है तो हमे एक रूहानी एहसास होना लाज़मी हैं। राष्ट्रीय झंडे के रंगो और उसके मध्य मे चक्र के महत्व का वर्णन डा राधाकृष्णन द्वारा संविधान सभा में किया, जिसे संविधान सभा द्वारा सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया था। डा राधाकृष्णन ने स्पष्ट किया की
भगवा या केसरी रंग त्याग या निस्वार्थ भाव का प्रतीक हैं। हमरे नेतागणों को भौतिक सुखो से विरक्त तथा अपने कार्य के प्रति समर्पित होना चाहिए। झंडे के मध्य मे सफ़ेद रंग हमे सच्चाई के पथ पर चलने और अच्छे आचरण की प्रेरणा देता है। हरा रंग मिट्टी और वनस्पतियों के साथ हमारे संबंधो को उजागर करता है जिनपर सभी प्राणियों का जीवन आश्रित है। सफ़ेद रंग के मध्य मे अशोक चक्र धर्म के राज का प्रतीक है। इस झंडे तले शासन करने वाले लोगो को सत्य, धर्म या नैतिकता के शिद्धांतों का पालन करना चाहिए।
किसी भी देश का राष्ट्रीय झंडा उस देश के लोगो की आशाओं और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक होता हैं। भारत मै भी, अनेक लोगो और सैनिको ने, तिरंगे को गौरव के साथ फहराने के लिए अपने प्राणो की बलिदान दिया हैं। यह कहना गलत नहीं होगा की भारत में राष्ट्रीय झंडे के लिए प्रेम, आदर और निष्ठा की भावना कूट-कूट कर भरी हैं, लेकिन अक्सर यह देखा गया हैं की  इस भावना के होने के साथ-साथ, लोगो को राष्ट्रीय झंडे फहराने के लिए जो नियम और ओपचारिकताए बनी है, उसकी जानकारी नहीं हैं। आज हम राष्ट्रीय झंडे से संबन्धित कुछ नियम के बारे में चर्चा करेंगे जिसके बारे मे सभी लोगो को जानकारी होना आवश्यक हैं।
राष्ट्रीय झंडे के निम्नलिखित मानक आकार होते हैं:
राष्ट्रीय झंडे का आकार आयताकार होता हैं जिसकी लंबाई और चौड़ाई (ऊंचाई) का अनुपात क्रमश: 3:2 होता हैं।
1            6300 x 4200
2            3600 x 2400
3            2700 x 1800
4            1800 x 1200
5            1350 x 900
6            900 x 600
7            450 x 300
8            225 x 150
9            150 x 100
राष्ट्रीय झंडे का प्रयोग से जुड़ी समान्य जानकारी
- राष्ट्रीय झंडे का प्रयोग किसी भी प्रतिमा के अनावरण पर, प्रतिमा को ढकने के लिए नहीं किया जा सकता।
- राष्ट्रीय झंडे को जानबूझकर “केसरिया” रंग को नीचे प्रदर्शित करके नहीं फहराया जा सकता।
- राष्ट्रीय झंडे फहराते समय उसकी स्थिति सम्मानजनक और अलग होनी चाहिए। उसे ऐसी जगह लगाया जाना चाहिए, जहाँ से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे।
- किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या उससे ऊपर या उसके बराबर में नहीं लगाया जा सकता।
- किसी भी प्रकार की सजावट के लिए राष्ट्रीय झंडे का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
- जनता द्वारा काग़ज़ के बने राष्ट्रीय झंडे को विशेष अवसरो पर हाथ में लेकर हिलाया जा सकता हैं। परंतु ऐसे राष्ट्रीय झंडो को समारोह के समापन के बाद न तो जमीन पर फेंका जाना चाहिए और न ही विकृत किया जाना चाहिए। जहां तक संभव हो, इस प्रकार के झंडो का निपटान उनकी मर्यादा के अनुरूप एकांत में किया जाना चाहिए।
- फटा हुआ या मैला-कुचैला राष्ट्रीय झंडे को प्रदर्शित नहीं करना चाहिए।
- जब राष्ट्रीय झंडा फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकांत में पूरा नष्ट कट दिया जाना चाहिए। बेहतर यही होगा यदि उसे जलाकर या उसकी मर्यादा के अनुरूप किसी अन्य तरीके से नष्ट किया जाए।
- जब भी राष्ट्रीय झंडे फहराया जाए तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए। उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहाँ से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे।
- सरकारी भवन पर झंडा रविवार और अन्य छुट्टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता है, चाहे मौसम कैसा भी क्यों न हो।
- यदि राष्ट्रीय झंडे को किसी जुलूस या परेड में प्रयोग किया जा रहा है तो ध्यान रखना चाहिए की वह मार्च करने वालों के दाईं और रहेगा। और यदि दूसरे झंडों की भी कोई लाइन हो तो राष्ट्रीय झंडा का स्थान उस लाइन के बीच में होगा।
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राष्ट्रीय झंडा फहराने के गलत तरीके
- फटा हुआ या मैला-कुचैला झंडा नहीं फहराया जाएगा ।
- किसी भी व्यक्ति को सलामी देने के लिए झंडे को नहीं झुकाया जाएगा।
- किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या उससे ऊपर या उसके बराबर में नहीं लगाया जा सकता। और न ही कोई दूसरी वस्तु उस ध्वज दंड के ऊपर राखी जाएगी जिस पर झंडा फहरया जाता हैं।
- किसी भी प्रकार की सजावट के लिए झंडे का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
- राष्ट्रीय झंडे का प्रयोग किसी भी वक्ता की मेज को ढकने और उसके मंच को सजाने के लिए नहीं किया जा सकता।
- झंडे को जानबूझकर “केसरिया” रंग को नीचे प्रदर्शित करके नहीं फहराया जा सकता।
- झंडे को जानबूझकर जमीन अथवा फर्श से छूने नहीं दिया जा सकता।
राष्ट्रीय झंडा का दुरुपयोग
- झंडे का प्रयोग किसी भी रूप में लपेटने के लिए नहीं किया जाएगा। केवल राजकीय / सैन्य / केंद्रीय अर्ध सैनिक बालो से संबन्धित शवयात्राओ को छोड़कर।
- झंडा फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकांत में पूरा नष्ट कर दिया जाना चाहिए। बेहतर यही होगा यदि उसे जलाकर या उसकी मर्यादा के अनुरूप किसी अन्य तरीके से नष्ट किया जाए।
- झंडे का प्रयोग किसी भी प्रकार की पोशाक या वर्दी, तकियों, रूमालों, नेपकिनों अथवा ड्रेस सामाग्री पर इसे काढ़ा अथवा मुद्रित (प्रिंट) नहीं किया जा सकता।
- राष्ट्रीय झंडे पर किसी प्रकार के अक्षर नहीं लिखे जा सकते।
- किसी भी प्रकार के विज्ञापन के रूप मे झंडे का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
मोटर कारो पर राष्ट्रीय झंडा लगाने के नियम एवं अधिकार
- 450 x 300 मिलिमीटर आकार के राष्ट्रीय झंडे का प्रयोग अतिगणमान्य (VVIP) व्यक्तियों को ले जाने वाले विमान के लिए, 225 x 150 मिलिमीटर आकार के राष्ट्रीय झंडे का प्रयोग मोटर कारों, 150 x 100 मिलिमीटर आकार के राष्ट्रीय झंडे का प्रयोग मेजों (table) के लिए किया जाता हैं।
- जब झंडा किसी मोटर कार पर लगया जाता हैं तो उसे बोनट के आगे, बीचोबीच या कार के आगे दाई ओर फहराया जाता है जोकि कार पर कसकर लगाए हुए डंडे (स्टाफ) पर होना चाहिए।
राष्ट्रीय झंडे को मोटर कार पर लगाने का विशेष अधिकार केवल निम्नलिखित गणमान्य व्यक्तियों को ही हैं
- राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, राज्यपाल, उप राज्यपाल, विदेशो में नियुक्त भारतीय दूतावासो एवं कार्यालयो के अध्यक्ष, प्रधानमंत्री और अन्य केबिनेट मंत्री, केंद्र के राज्य एवं उप मंत्री, राज्य और संघ शासित क्षेत्रो के मुख्यमंत्री और अन्य केबिनेट मंत्री, राज्य अथवा शासित क्षेत्रो के राज्य एवं उप मंत्री।
- लोकसभा के अध्यक्ष, राज्यसभा के उप सभापति, लोकसभा के उपाध्यक्ष, राज्य विधान परिषदों के सभापति, राज्य और संघ शासित क्षेत्रो की विधान सभाओ के अध्यक्ष, राज्य विधान परिषदों के उप सभापति, राज्य और संघ शासित क्षेत्रो के विधान सभाओ के उपाध्यक्ष
- भारत के मुख्य न्यायधीश, उच्तम न्यायालय के न्यायधीश, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश, उच्च न्यायालय के न्यायधीश
- जब कोई विदेशी गणमान्य व्यक्ति सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई कार में यात्रा करे, तो राष्ट्रीय झंडा कार के दाई और लगाया जाएगा और संबन्धित देश का झंडा कार के बाई और लगाया जाएगा।
झंडे का आधा झुकना
निम्नलिखित गणमान्य व्यक्तियों मे से किसी का निधन होने पर झंडे के आधा झुकाने के नियम :
           गणमान्य व्यक्ति                                                स्थान
| 
राष्ट्रपति,
  उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री  | समस्त भारत | 
| 
लोकसभा
  के अध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायधीश  | दिल्ली | 
| 
केंद्रीय
  केबिनेट मंत्री  | दिल्ली और राज्यो की राजधानियाँ | 
| 
केंद्रीय
  के राज्य मंत्री और उप मंत्री  | दिल्ली | 
| 
राज्यपाल,
  उप राज्यपाल, राज्य का मुख्यमंत्री, संघ शासित क्षेत्रो का मुख्यमंत्री  
    | संबन्धित समस्त राज्य या संघ शासित क्षेत्र | 
| 
राज्य
  का केबिनेट मंत्री   | संबन्धित राज्य की राजधानी | 
भारतीय राष्ट्रीय झंडे के अपमान करने पर सजा का प्रावधान
कोई भी व्यक्ति जो किसी सार्वजनिक स्थान पर या किसी भी ऐसे स्थान पर सार्वजनिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय झंडे या उसके किसी भाग को जलता है, विकृत करता है, विरूपित करता है, दूषित करता है, कुरूपित करता है, नष्ट करता है, कुचलता है, या उसे प्रति अनादर प्रकट करता है या (मौखिक या लिखित शब्दो मैं, या कृत्य द्वारा) अपमान करता है तो उसे तीन वर्ष तक के कारावास से, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जा सकता है। 
 
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![History of the first train in India [Hindi] 22 December 1851भारत में पहली रेलगाड़ी की कहानी -Short Stories of India](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiMivEhgbcHKlYgCvaZUXbzclvtq12Nr3K2Q1wvpOeLWQ_OCIp7ruR7v9T_7bcS7j-6n_-j7hsSsN0XVhzOXMVDwDD_kHMnvA192vUmYroA8oDxuBIqF_HlZNt_pAVdIAW5h3qFAJLpxpW5/w680/Short+Stories+of+India+-+Story+of+first+train+in+India+%2528Ganges+canal+Roorkee%2529.jpg) 
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